TOP NEWS

विनयवान व्यक्ति हमेशा ऊपर उठता है


श्रीगंगानगर : विनयवान व्यक्ति हमेशा ऊपर उठता है, जीवन में धर्म ध्यान अच्छे कार्य करोगे तो ऊपर उठोगे, गुरु के प्रति दृढ़ श्रद्धा ही उद्धार करेगी। मनुष्य भव चौराहे के समान है, चारों गतियों में कर्मों के अनुसार जा सकता है। नरक गति, तिर्यन्च गति, मनुष्य गति, देव गति सीढ़़ी से ऊपर भी जा सकते हैंं और नीचे भी आ सकते हैं। मनुष्य जन्म बड़ा अनमोल है। इसमें सेवा कार्यों से जीवन को सार्थक करें। यह आशीर्वचन अग्रसेन नगर स्थित एस.एस. जैन सभा में आज्ञम ज्ञाता युवा प्रेरक अरूण चन्द्र महाराज के सुशिष्य मुनि अमन ने भारी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं के समक्ष व्यक्त किए।


मुनि अभिनन्दन ने कहा कि नमस्कार करना यानि झुकना। जीवन में बहुत झुकते हैं। भगवान महावीर का कहना है कि यह झुकना नहीं है। क्रोध, मान, कषाओं को झुकाओ, तभी जीवन सार्थक है। आज हम पश्चिमी सभ्यता की तरफ जा रहे हैं। ‘बड़ों के चरण स्पर्श’ की बजाय हाय-हैलो करने लगे हैं। जीवन जीने के लिए पैसा कमाओ, न कि सात पीढ़ी के लिए। जो धर्म पुण्य से जुड़ेगा, वह यहां भी कल्याण करेगा तथा आगे भी कल्याण करेगा।



एस.एस. जैन सभा के सचिव गौतम जैन ने बताया कि दोनों मुनियों के प्रवचन 13 मार्च, सोमवार को प्रात: 8.30 से 9.30 बजे तक पूर्व सचिव निर्मल जैन के निवास आरवाई-18 रिद्धि-सिद्धि इन्कलेव प्रथम में होंगे। सक्रांति पर्व कार्यक्रम 14 मार्च, मंगलवार को एस.एस. जैन सभा अग्रसेन नगर में होगा। मुनि अमन व मुनि अभिनन्दन 16 मार्च, बृहस्पतिवार को श्रीगंगानगर से विहार करके केसरीसिंहपुर-करणपुर जाएंगे। इनका महावीर जयंती पर्व पदमपुर में होगा। समस्त श्रद्धालुओं से इन सभी कार्यक्रमों में अधिकाधिक संख्या में शामिल होने का आह्वान किया गया है।



जीवन का निर्माण करने के लिए गुरु की आवश्यकता : मुनि अमन




श्रीगंगानगर: जीवन का निर्माण करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को गुरु की आवश्यकता है। माँ, महात्मा, परमात्मा शब्द महान है। माँ को बच्चे की अंगुली पकड़ा दें तो बच्चा संस्कारी बनता है। माँ की अंगुली जब छोड़़ देते हैं तो गुरु की अंगुली पकड़ लें तो युवावस्था गलत रास्ते पर नहीं भटकती। 


यह उद्गार अग्रसेन नगर स्थित एस.एस. जैन सभा में आगमज्ञाता युवा प्रेरक अरूण चन्द्र महाराज के सुशिष्य मुनि अमन ने अपने प्रवचनों में व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जिन्दगी के उजाले में ऐसा काम न करो कि रात को सो न सकें और रात के अन्धेरे में ऐसा काम मत करना कि दिन में किसी से मुँह छिपाना पड़े। युवावस्था में गुरु की अंगुली पकडऩा जरूरी है। बचपन, बुढ़ापा फिर भी सम्भल जाएगा। जवानी चंचल है, उसे गुरु की शिक्षा से कंट्रोल किया जा सकता है। जीवन के जहाज मे दिशासूचक यंत्र से मंजिल तक पहुंच सकते हैं। 


गुरु हमारे लिए जीपीएस की तरह है, जो हमें जिन्दगी का सही रास्ता बताते हैं। भगवान महावीर हमें सही मार्ग देकर गए हैं, हमें उसी मार्ग पर चलना है। गुरु चलता-फिरता तीर्थ है, जो पत्थर रूपी शिष्य को संस्कारों से गढक़र सुन्दर मूर्ति बना देते हैं। फिर युवा स्वविवेक से सही रास्ते पर चल सकता है। हर व्यापारी व्यापार की बैलेंस शीट से लाभ-हानि देखता है। हम भी प्रतिवर्ष अपने जीवन की बैलेंस शीट में गुण-दोषोंं का विश्लेषण करके जीवन को प्रेरणादायी व सुखदायक बना सकते हैं। 


मुनि अभिनन्दन ने कहा कि हमारा जीवन चंदन के समान है, उसे सद्गुणों को ग्रहण कर महकायें। एस.एस. जैन सभा के पूर्व सचिव निर्मल जैन ने बताया कि दोनों जैन मुनि हरियाणा-पंजाब से लम्बा विहार करके श्रीगंगानगर पधारे हैं। उन्होंने श्रीगंगानगरवासियों से इनके प्रवचनों का अधिकाधिक लाभ उठाने का आह्वान किया है।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ