TOP NEWS

श्रीगंगानगर - महात्मा गाँधी राजकीय विद्यालय पुलिस लाईन में होली महोत्सव हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया , महिला दिवस पर प्रतियोगिताओं के विजेताओं को किया जाएगा सम्मानित

महात्मा गाँधी राजकीय विद्यालय पुलिस लाईन में होली महोत्सव हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया - तनावमुक्त परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई - महिला दिवस पर प्रतियोगिताओं के विजेताओं को किया जाएगा सम्मानित









श्रीगंगानगर : महात्मा गाँधी विद्यालय नं. 5, पुलिस लाईन, श्रीगंगानगर में प्रजापति ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय की बहनों द्वारा आज होली महोत्सव धूमधाम से हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बहन ऊषा व सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य बहन सत्या मेहंदीरत्ता थे तथा अध्यक्षता प्रधानाचार्य श्रीमती रिम्पा तलवार ने की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि सुरेन्द्र सरदाना, जगीरचंद फरमा, मनीराम सेतिया, इन्दुभूषण चावला, विक्रम ज्याणी, नीलम ज्याणी, राजेन्द्र आर्य, अभिभावकगण, एसएमसी, एसडीएमसी सदस्यगण, विद्यालय स्टाफ नौरंग कुमार, दलीप कुमार, पूजा लड्ढा, रमनजीत सिंह, मधुसूदन, पार्थ, सुखचैन सिंह, अर्जुनराम चौहान, मणीभद्र, सोनू, अमनदीप, रघुवीर जांदू, डिम्पल, सुमन देवी, रिया रातेला, सविता, सरोज सहित अनेक गण्यमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।


बाल सभा एवं प्रतियोगिता के उपरान्त होली महोत्सव का आयोजन हुआ। समाजसेवी जगीरचंद फरमा व मनीराम सेतिया द्वारा बच्चों का मिठाई का वितरण किया गया। सुरेन्द्र सरदाना द्वारा बच्चों को गुलाल के पैकेट वितरित किए गए। अतिथियों द्वारा जल बचत का संदेश देते हुए बच्चों पर फूलों की वर्षा कर फूलों की होली खेली गई। रामदास बंसल ने इस मौके पर हुई रंगोली प्रतियोगिता, ड्राईंग प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता, कविता गायन प्रतियोगिता, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता आदि प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थी लक्ष्या ज्याणी, पुजीन, कनिष्क, हिताक्षी, विशेष, नानकी, महेश, वारूशी, खुशी वर्मा, सौम्या, श्वेता, तनिष्का, अनमोल, अक्षरा, रिषभ, हर्ष, अर्जना, ओजस्वी, कनक, यश, तनिशा, अमानत, भारती, जसवीर, हार्दिक, दिव्या, मनवीर, मेहर, हुनर, युक्ता, आदित्य, माधव आदि विद्यार्थियों को महिला दिवस पर सम्मानित करने की घोषणा की।


ad


मुख्य अतिथि बहन ऊषा ने कक्षा 5वीं व 8वीं बोर्ड के विद्यार्थियों को तनावमुक्त रहने के गुर सिखाये तथा कहा कि हमें हर पल खुश रहना है। होली महोत्सव मनाने के सम्बन्ध में प्रश्नोत्तर विधि के माध्यम से बच्चों को पूरी कहनी बताई। उन्होंने कहा कि होली का पर्व मनाने के पीछे अनेक पौराणिक कथाएं और सांस्कृतिक घटनायें जुड़ी हुई है। ऐेतिहासिक दृष्टि से इस पर्व का सम्बन्ध प्रहलाद और होलिका की कथा से जोड़ा जाता है। भक्त प्रहलाद के पिता हिरण्यकश्यप नास्तिक थे तथा वे नहीं चाहते थे कि उनके घर पर पूरे राज्य में उन्हें छोडक़र किसी और की पूजा की जाए। जो भी ऐसा करता, उसे जान से मार दिया जाता था। 


प्रहलाद को उन्होंने कई बार मना किया कि भगवान विष्णु की पूजा छोड़ दें, परन्तु वह नहीं माना। अंतत: उसे मारने के लिए उन्होंने अनेक उपाय किए, किन्तु सफल नहीं हुए। हिरण्यकश्यप की बहन का नाम होलिका था, जिसे यह वरदान था कि वह अग्नि में नहीं जलेगी। इसलिए हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन को यह आदेश दिया कि वह प्रहलाद को लेकर आग में बैठ जाए, जिससे कि प्रहलाद जलकर राख हो जाए। लेकिन आग के ढेर में होलिका जलकर राख हो गई, परन्तु भक्त प्रहलाद को कुछ नहीं हुआ। बाद में भगवान विष्णु ने नृसिंह का अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया। उसी समय से होलिका दहन और होली उत्सव को इस रूप में मनाया जाने लगा कि यह अधर्म पर धर्म, बुराई पर भलाई तथा दानवत्व पर देवत्व की विजय का पर्व है।


मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य बहन सत्या मेहंदीरत्ता ने भी कथा बताई कि श्रीकृष्ण भगवान के बारे में एक कथा यह भी प्रचलित है कि जिस दिन उन्होंने पूतना नामक राक्षसी का वध किया तो उसी हर्ष में गोकुलवासियों ने रंग खेलने का उत्सव मनाया था। बच्चों द्वारा आज विभिन्न प्रतियोगिताओं द्वारा अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया गया है तथा फूलों व गुलाल के माध्यम से होली खेलकर होली महोत्सव हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया, इसके लिए पूरे विद्यालय परिवार को साधुवाद दिया। बच्चों द्वारा बहुत प्रभावी ढंग से चित्रकला बनाई गई एवं स्लोगन लिखे गए, वह नि:संदेह सराहनीय है। सभी विजेता विद्यार्थियों सहित समस्त प्रतिभागी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि होली त्योहार भाईचारे का पर्व है। यह हमें मिल-जुलकर मनाना है। कौमी एकता का भाव जागृत करने में इस पर्व का उपयोग किया जा सकता है।



जगीरचंद फरमा ने होली की बधाई दी तथा कहा कि बच्चों ने बहुत ही अच्छे तरीके से होली पर्व से जुड़ी कहानी सुनाई है। इसका अर्थ है कि होली पर्व के महत्व से प्रत्येक बच्चा परिचित है।

मनीराम सेतिया ने कविता के माध्यम से रंगों पर विचार रखे तथा बताया कि खुशियों का प्रतीक होली मनाने से भाईचारा बढ़ता है। ‘महापुरुषों की गौरव गाथाएं’ पुस्तक का विमोचन पर बधाई के लिए उन्होंने सबका आभार व्यक्त किया तथा पुस्तक के विभिन्न सारांश पर संक्षिप्त रूप में विचार रखे।


प्रधानाचार्य रिम्पा तलवार ने अपने अध्यक्षीय भाषण में अतिथियों, आगंतुकों एवं सहयोगकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने जगीरचंद फरमा व मनीराम सेतिया द्वारा सभी को मिठाई वितरण करने पर, बहन ऊषा व सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य बहन सत्या मेहंदीरत्ता द्वारा बच्चों को परीक्षा के समय किस प्रकार तनाव मुक्त रह सकते हैं तथा बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए उनका हौंसला बढ़ाने के लिए, सुरेन्द्र सरदाना द्वारा बच्चों को गुलाल के पैकेट वितरित करने, रामदास बंसल द्वारा होली महोत्सव पर हुई प्रतियोगिताओं के विजेता बच्चों को महिला दिवस पर सम्मानित करने की घोषणा करने तथा अभिभावकों व उपस्थित गण्यमान्य व्यक्तियों द्वारा विद्यालय की बालसभा में बच्चों को प्रोत्साहित करने पर धन्यवाद ज्ञापित किया। 

ad

उन्होंने कहा कि होली रंगों का त्यौहार है। यह फाल्गुन मास की समाप्ति के बाद चेत्र मास के प्रथम दिन (प्रतिपदा) को मनाया जाता है। चैत्र मास हिन्दू कैलेण्डर का प्रथम मास होता है। इस प्रकार होली हिन्दूओं के नववर्ष का त्यौहार भी है। इस त्योहार में लोग एक-दूसरे को रंग, अबीर एवं गुलाल लगाते हैं। अपने आपसी मनमुटाव व जीवन में जाने-अनजाने हुई गलतियों को भूलाकर एक-दूसरे से गले मिलते हैं व नाच-गाकर खुशी मनाते हैं। इस प्रकार बसंत ऋतु में मनाया जाने वाला यह त्योहार रंग-बिरंगा एवं मस्ती से परिपूर्ण होता है। 


भारत में होली का त्योहार पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल में होली को बसन्तोत्सव के रूप में मनाया जाता है। पंजाब में इस त्योहार को होला-मोहल्ला कहा जाता है। विक्रम ज्याणी ने होली पर्व की शुभकामनाएं देते हुए नशे से दूर रहने पर बल दिया। उन्होंने अभिभावकों से आह्वान कि वे बच्चों को फूलों व गुलाल एवं सूखे रंगों से होली खेलने के लिए प्रेरित करें तथा साथ में मिलकर होली खिलाएं, ताकि किसी असामाजिक तत्व द्वारा उन्हें गलत रंग ना लगाया जा सके तथा खाने-पीने की वस्तुओं में नशीले पदार्थों का सेवन ना करवाया जा सके। मंच संचालन करते हुए मधुसूदन ने सबका धन्यवाद व्यक्त किया।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ