शहीद दिवस पर श्रमिकों ने भगत सिंह, राजगुरु तथा सुखदेव को दी श्रद्धांजलि , वर्तमान समय में भगत सिंह के विचार प्रासंगिक
केसरीसिंहपुर, 23 मार्च 2024: शहीद-ए-आजम भगत सिंह, शहीद राजगुरु तथा शहीद सुखदेव के शहीद दिवस पर सीटू द्वारा जिलेभर में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में सीटू द्वारा केसरीसिंहपुर में भगत सिंह चौक पर शहीद दिवस मनाया गया तथा शहीद-ए-आजम भगत सिंह, शहीद राजगुरु तथा शहीद सुखदेव को याद करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीटू जिला सचिव का. जगसीर सिंह भट्टी ने वर्तमान समय में भगत सिंह के विचारों को प्रासंगिक बताया। उन्होंने देश की आजादी में महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के योगदान का वर्णन करते हुए कहा कि 23 मार्च, 1931 को आजादी के इन दीवानों को ब्रिटेन की साम्राज्यवादी सरकार ने फांसी पर लटका दिया उनके तथा उनके जैसे हजारों शहीदों के बलिदान से भारत को आजादी मिली। लेकिन आज भी इन शहीदों के सपनों का भारत नहीं बन पाया तथा आज भी करोड़ों लोग अपनी मूलभूत जरूरतें भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं। मजदूर-किसान, विद्यार्थी, कर्मचारी, छोटे दुकानदार निरंतर शोषण के शिकार होकर बेहाल है और दूसरी तरफ मुट्ठीभर लोग सारे संसाधनों पर कब्जा करते जा रहे हैं।
आज केन्द्र सरकार द्वारा तानाशाही रवैया अपनाते हुए शहीद-ए-आजम भगत सिंह जैसे अनेकों नौजवान क्रांतिकारियों की कुर्बानियों से मिली आजादी तथा देश के लोकतंत्र व संविधान को खत्म किया जा रहा है। इसे बचाने का दायित्व देश के नौजवानों पर है। सबसे युवा नौजवान देश आज सबसे बड़ा बेरोजगार देश बन गया है। बेरोजगार नौजवान युवा आंदोलन करता है, सरकारों की लाठियां खाता है,
दमन सहता है तथा आखिरकार एक दिन दमन से हताश होकर भाग्य भरोसे बैठे जाता है। देश के नौजवानों को शहीद-ए-आजम भगत सिंह को पढ़ना चाहिए तथा समझना चाहिए कि किस प्रकार अंग्रेजी हुकूमत के दो काले कानून ट्रेड यूनियन डिस्प्यूट बिल और पब्लिक सेफ्टी बिल के खिलाफ संसद में बम धमाका कर अंग्रेजों शासन की चूलें हिला दी थी तथा क्रांतिकारी आंदोलन से अंग्रेजी हुकूमत को झुकाकर देश को आजादी दिलाई। इसी प्रकार आज एक बार फिर देश, संविधान, लोकतंत्र तथा देश के नौजवान, किसान व मजदूर को बचाने के लिए नौजवान युवाओं को भगतसिंह की भांति सडक़ों पर आना चाहिए।
वक्ताओं ने कहा कि आज के दौर में शोषण, अन्याय तथा दमन के खिलाफ आवाज़ बुलंद कर एवं भगतसिंह के सपनों व विचारों के भारत का निर्माण कर शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है। श्रमिकों ने शहीदों के सम्मान में जोशीले नारे लगाकर सरकारों की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर सीटू जिला सचिव का. जगसीर सिंह भट्टी, एफसीआई लेबर यूनियन प्रधान का. राजू मेहरा, का. भूषण कुमार, का. राज सिंह, का. काला सिंह, का. लखविंदर सिंह, का. महेंद्र सिंह सहित सीटू से जुड़े अनेक श्रमिक उपस्थित थे।
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