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डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती महोत्सव के मद्देनजर आचार संहिता नियमों में शिथिलता प्रदान करने की मांग



श्रीगंगानगर, 29 मार्च 2024: एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण मंच के शिष्टमंडल ने शुक्रवार को जिलाध्यक्ष कालूराम मेघवाल के नेतृत्व में राष्ट्रपति, राज्यपाल राजस्थान, मुख्य चुनाव आयुक्त तथा राज्य चुनाव आयुक्त को अति. जिला कलक्टर के माध्यम से ज्ञापन भेजकर संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 134वीं जयंती कार्यक्रम के मद्देनजर एससी/एसटी/ओबीसी वर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों को लोकसभा चुनाव-2024 के आचार संहिता नियमों में एक दिवस के लिए शिथिलता प्रदान करने की मांग की है। शिष्टमण्डल में ताराचंद भाटिया, टीकमचंद भाटिया, खेतपाल बारूपाल, ओम गुणपाल, रामचंद्र निहालिया, जगदीश जयपाल, राजाराम मेघवाल, बलवीर सोनी, रोहिताश महेन्द्रा एडवोकेट, शगुन सिंह महात्मा, शंकरलाल मेहरड़ा, ओमाराम बेगड़ आदि शामिल थे।

जिलाध्यक्ष कालूराम मेघवाल ने बताया कि पूरे भारतवर्ष में संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 134वीं जयंती 14 अप्रैल, 2024 को अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग सहित सर्व समाज द्वारा उत्साहपूर्वक मनाई जाएगी तथा इस दिन अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह दिन सामाजिक संगठन, राजनीतिक संगठन, छात्र संगठन, व्यापारिक संगठन सहित सभी वर्गों के लोगों के साथ एससी/एसटी/ओबीसी वर्ग के लोगों का यह पूरे भारत में एक साथ मनाये जाने वाला पर्व है, क्योंकि इस वर्ग के उत्थान के लिए परम पूज्य बाबा डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने भारत के संविधान में अनेकों व्यवस्थायें कर हजारों सालों से शोषित वर्ग के लोगों का उत्थान करने के लिए काम किया है, जिससे इस वर्ग के लोगों में अपने मसीहा के रूप में बाबा साहेब अम्बेडकर के प्रति गहरी आस्था व सम्मान है।  

समूचे भारतवर्ष में केवल 14 अप्रैल व 6 दिसम्बर बाबा साहेब अम्बेडकर के जीवन से जुड़े दो महत्वपूर्ण दिवस हैं, जिन्हें समूचा भारतवर्ष मनाता है। इस बार 14 अप्रैल लोकसभा चुनाव-2024 के बीच आने के कारण चुनाव आयोग द्वारा जारी आदर्श आचार संहिता नियमों के चलते कार्यक्रमों में एससी/एसटी/ओबीसी वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी मुख्य समारोह में बतौर अतिथि या सामान्य रूप से शामिल नहीं हो सकेंगे, क्योंकि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर से जुड़े कार्यक्रमों में भारी संख्या में राजनीतिक दलों के राजनेता, लोकसभा प्रत्याशी एवं पदाधिकारी व कार्यकर्ता भाग लेते हैं।

इस प्रकार से इन कार्यक्रमों को अगर अधिकारियों-कर्मचारियों के द्वारा सम्मिलित होकर सांझा किया जाता है तो उसमें चुनाव आयोग के नियम बाधा उत्पन्न करते हैं। अनेकों कार्यक्रमों में इन वर्गों के अधिकारी बतौर अतिथि शिरकत करते हैं और इस दिन को त्यौहार के रूप में मनाते हैं। लेकिन आचार संहिता के नियम आड़े आने के कारण इस बार कर्मचारी 14 अप्रैल को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती महोत्सव कार्यक्रम को उत्साह के साथ नहीं मना सकेंगे तथा इन कार्यक्रमों में भाग लेने से वंचित रह जाएंगे, जिससे इस वर्ग के अधिकारियों व कर्मचारियों में निराशा का वातावरण है।

एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण मंच ने मांग की है कि दलितों-पिछड़ों के मसीहा बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के अनुयायियों की भावनाओं को मद्देनजर रखते हुए आदर्श आचार संहिता-2024 के नियमों में शिथिलता प्रदान करने के आदेश जारी किए जाएं, ताकि एससी/एसटी/ओबीसी वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी 14 अप्रैल, 2024 को पर्व के रूप में मनाते हुए डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती पर आयोजित कार्यक्रमों में बेझिझक उत्साहपूर्वक शामिल हो सकें।


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