TOP NEWS

Chaitra Month 2024:"26 मार्च से चैत्र माह शुरू: जानें क्या करें, क्या न करें - महत्वपूर्ण सुझाव , 26 मार्च से शुरू नया वर्ष, जानिए क्या होगा खास"

चैत्र माह का आरंभ हिन्दू पंचांग के अनुसार भारतीय हिन्दू कैलेंडर के अनुसार होता है। यह माह नववर्ष का पहला महीना होता है और बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में कुछ अहम गतिविधियाँ शामिल होती हैं जैसे कि गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि, और चैत्र पूर्णिमा। यहाँ कुछ आम सुझाव दिए जा रहे हैं:




क्या करें

पूजा-अर्चना: चैत्र मास में माता दुर्गा की पूजा और अर्चना का विशेष महत्व होता है। चैत्र नवरात्रि के दौरान, नौ दिनों तक माता दुर्गा की उपासना की जाती है।

धर्मिक यात्रा: इस महीने में किसी तीर्थस्थल या पवित्र स्थान पर यात्रा करना अच्छा विचार होता है।

संगीत और कला का आनंद लें: कला और संगीत में रुचि रखने वाले लोग इस समय में कला के क्षेत्र में लहरा सकते हैं।

ध्यान और योग: चैत्र मास के शुरुआती दिनों में ध्यान और योग करने के लिए समय निकालना फायदेमंद होता है।




क्या न करें

अशुभ कार्यों से बचें: इस मास के दौरान किसी भी अशुभ कार्य करना बेहतर नहीं होता।

संवाद में अत्यधिक सख्तियां: इस मास के दौरान अत्यधिक घमंड या सख्तियों से दूर रहना चाहिए।

असत्य बोलना: हमेशा सत्य बोलने का प्रयास करें, क्योंकि इससे अच्छे कर्म बढ़ते हैं।

चैत्र मास में धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों का उत्सव करने के साथ-साथ, योग्य आदतों को बनाए रखना भी 




चैत्र माह 2024: हिंदू कैलेंडर का पहला महीना चैत्र 26 मार्च 2024 से शुरू हो रहा है। यह महीना देवी दुर्गा को समर्पित है। ऐसे में चैत्र मास के कुछ नियमों का पालन जरूर करें, 


जानिए चैत्र मास के नियम।

चैत्र मास 26 मार्च 2024 से शुरू होकर 23 अप्रैल तक रहेगा. इस महीने में प्रकृति भी करवट लेती है, गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है इसलिए एक समय भोजन करें और ठंडे पानी से स्नान करें। ये सेहत के लिए अच्छा रहेगा.


हिंदू कैलेंडर चैत्र माह से शुरू होता है। इसी महीने में भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी, इसलिए हिंदू नववर्ष चैत्र में शुरू होता है। साथ ही चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा की पूजा का भी महत्व माना जाता है. ऐसे में चैत्र माह में मां दुर्गा की पूजा करने से पद-प्रतिष्ठा के साथ-साथ शक्ति और ऊर्जा में भी वृद्धि होती है। संकट दूर होते हैं.



चैत्र माह में गर्मी के कारण होने वाला आलस्य व्यक्ति की गति को रोक देता है इसलिए इस माह में सूर्योदय से पहले उठकर ध्यान और योग करें। इससे तनाव दूर होगा. दिन भर ताजगी बनी रहेगी.

चैत्र मास के दौरान नियमों से पेड़-पौधों में जल और रसीले फलों का दान करना चाहिए। ये छोटा सा काम आपकी हर समस्या को चुटकियों में हल कर देगा।


भूलकर भी चैत्र महीने में बासी भोजन न करें, इससे सेहत पर बुरा असर पड़ता है. अनाज का कम उपयोग करें. ज्यादा से ज्यादा तरल पर्दार्थ खाएं. हल्के कपड़े पहनें


चैत्र माह में आप रोजाना सुबह नीम के पत्ते चबाते हैं तो आप इस मौसम में संक्रमण रोगों से बच सकते हैं. इन पत्तों को गुड़ के साथ खा सकते हैं.





एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ