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Sadhguru Jaggi Vasudev on Kalyug : दुनिया में अभी नहीं आया कलयुग, द्वापरयुग में जी रहे लोग ‘ सद्गुरु जग्गी वासुदेव के दावे से सब हैरान ?


इस कार्यक्रम में आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने कलयुग, द्वापरयुग और त्रेतायुग के अलावा मौजूदा समय में हो रहे बदलावों पर भी चर्चा की


ईशा फाउंडेशन के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव का कहना है कि वर्तमान में हम जिस युग में जी रहे हैं वह कलयुग नहीं है। यह समय द्वापरयुग है। 2083 में द्वापरयुग भी पूरा हो जायेगा और हम सभी त्रेतायुग में पहुँच जायेंगे। उन्होंने इसके पीछे का तथ्य भी बताया है


इंडिया ड्यूटी कॉन्क्लेव 2024 में पहुंचे सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने राम राज के विचार पर भी विस्तार से बात की. उन्होंने वर्तमान समय में हो रहे बदलावों और विकास कार्यों के बारे में भी बात की. उन्होंने गांव से लेकर शहर तक लोगों के चेहरे पर मौजूद खुशी का भी जिक्र किया.


बताया, कैसे 2083 में आ जाएगा त्रेतायुग?

कार्यक्रम में राम राज की कल्पना के बारे में बात करते हुए सद्गुरु ने कहा कि सबसे पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि हम अभी कलियुग में नहीं रह रहे हैं. कलियुग की बातें इसलिए बार-बार होती हैं क्योंकि कृष्ण ने कुरूक्षेत्र के युद्ध में कलियुग के बारे में कहा था, लेकिन ग्रह की स्थिति के अनुसार ग्रह हर 72 साल में लगभग एक डिग्री घूम जाता है। यह 25 हजार 920 वर्ष का समय चक्र है। जो सत्ययुग से त्रेता, त्रेता से द्वापर और द्वापर से कलयुग तक पहुंचती है। कलयुग और द्वापर एक साथ आए और 25 हजार 900 वर्ष का समयचक्र काफी पहले पूरा हो चुका है. 2083 में हम सभी पूरी तरह से द्वापर युग से त्रेता युग में आ जाएंगे.


अपने दावों को इस तरह किया साबित

उन्होंने इसके लिए एक और तथ्य रखते हुए कहा कि महाभारत का युद्ध 3140 ईसा पूर्व में समाप्त हो गया था. कृष्ण ने 3102 ईसा पूर्व में अपना शरीर त्याग दिया। युद्ध के तीन-चार महीने बाद कलियुग का प्रारम्भ हुआ। कृष्ण का काल 2012 ई. तक चला। कृष्ण का युग 5114 वर्ष पहले समाप्त हुआ। यदि आप 2592 घटाते हैं, तो आप 2522 वर्ष पर पहुंचते हैं। इसका मतलब यह है कि हम द्वापरयुग के 2522 वर्ष पूरे कर चुके हैं और इसकी कुल अवधि 2592 वर्ष है। अतः 70 वर्ष बाद 2082 में हम द्वापरयुग पूरा कर त्रेतायुग में पहुँच जायेंगे।


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