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SRI GANGANAGAR NEWS : आयकर की नई धारा 43बी(एच) को लेकर व्यापारियों में भारी रोष

  • आयकर की नई धारा 43बी(एच) को लेकर व्यापारियों में भारी रोष
  • संयुक्त व्यापार मण्डल ने केन्द्र सरकार से अविलम्ब इसे वापिस लेेकर व्यापारियों को राहत प्रदान करने की मांग की



श्रीगंगानगर: संयुक्त व्यापार मण्डल ने आयकर की नई धारा 43बी(एच) को लेकर भारी रोष व्यक्त किया है। अध्यक्ष तरसेम गुप्ता ने कहा कि आयकर की नई धारा 43बी(एच) में अनेक विसंगतियों व अव्यवहारिक प्रावधानों से व्यापारी वर्ग में असंतोष व्याप्त है। आयकर की धारा 43बी(एच) के अनुसार अगर कोई व्यापारी सूक्ष्म एवं लघु उद्योग, जिसकी सालाना बिक्री 50 करोड़ से कम है, 


से माल खरीदना है तो अगर सप्लायर और खरीदार के मध्य कोई एग्रीमेंट है, तो उसका भुगतान 45 दिन के अंदर करना अनिवार्य है। अगर कोई अनुबंध नहीं है तो 15 दिन के अंदर भुगतान करना होगा। दिनांक 31.03.2024 को अगर सूक्ष्म लघु उद्योग से संबंधित सप्लायर की कोई राशि व्यापारी की तरफ बकाया है, जिसका समय 45 दिन से ज्यादा हो चुका है तो उसको 2023-24 की आयकर विवरणी में व्यापारी की आमदनी मानकर उस पर ‘कर’ लगा दिया जाएगा। अगर किसी ने 31 मार्च से 20 दिन पहले सप्लायर से माल खरीदा है तो उसको 25 अप्रैल तक उसका भुगतान करना होगा, अन्यथा वह 2023-2024 की आय मान ली जाएगी।


अध्यक्ष तरसेम गुप्ता ने कहा कि आयकर की नई धारा 43बी(एच) त्रुटिपूर्ण है, जबकि इस तरह के कानून सरल एवं स्पष्ट होने चाहिए। इस विसंगति से व्यापारी वर्ग अत्यंत परेशान है तथा फरवरी व मार्च माह में खरीददारी करने से बचता है, क्योंकि इस कारण उसे बाद में अनावश्यक परेशानी झेलनी पड़ेगी। इससे उद्योगों को भी माल बेचने की समस्या आएगी तथा बाजार में माल की कमी हो जाएगी। इससे स्थिति अत्यंत विकट हो जाएगी। केन्द्र सरकार को इस तरह से अतार्किक नियम बनाकर लागू करके व्यापार में अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। यहां यह भी गम्भीर सोचनीय विषय है 


कि जिस व्यापारी ने सूक्ष्म, लघु उद्योग से माल खरीदकर आगे बेचा है, उसकी पेमेंट का क्या होगा? क्या सरकार उसे भी 45 दिन में पेमेंट दिलवाएगी? अगर नहीं तो वो भुगतान सप्लायर को कैसे करेगा? इन विसंगतियों के कारण आयकर की धारा 43बी(एच) से देशभर का मध्यम वर्ग व्यापारी अत्यंत असमंजस में है तथा परेशान है एवं पुरजोर विरोध करता है। मध्यम वर्ग व्यापारी पहले ही सरकार की नीतियों से परेशान है। ऐसी विकट परिस्थितियों के मद्देनजर संयुक्त व्यापार मण्डल, श्रीगंगानगर ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि आयकर की धारा 43बी(एच) को तुरन्त प्रभाव से वापिस लेकर देशभर के व्यापारियों एवं लघु व मध्यम वर्ग के उद्यमियों को राहत प्रदान की जाए।



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