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sri ganganagar : संत श्री आशारामजी बापू की हालत गम्भीर, इच्छा अनुरूप चिकित्सा उपलब्ध करवाने की माँग

NEWS UPDATE 
  •  -संत श्री आशारामजी बापू की हालत गम्भीर, इच्छा अनुरूप चिकित्सा उपलब्ध करवाने की माँग
  • - सैंकड़ो धर्मप्रेमियों ने मौन रैली निकाली तथा मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने हेतु जयपुर रवाना हुए
  • - श्री योग वेदांत सेवा समिति तथा महिला उत्थान मण्डल ने निर्दोष संत श्री आशारामजी बापू को         उनकी इच्छा अनुसार चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने एवं शीघ्रातिशीघ्र रिहाई की मांग की



श्रीगंगानगर: श्री योग वेदांत सेवा समिति तथा महिला उत्थान मण्डल, श्रीगंगानगर ने पूज्य संत श्री आशारामजी बापू की शीघ्र अतिशीघ्र रिहाई व उन्हें उनकी इच्छानुसार चिकित्सा सुविधा दिए जाने की माँग की है।
श्री योग वेदांत सेवा समिति तथा महिला उत्थान मण्डल, श्रीगंगानगर के प्रवक्ता ने बताया कि झूठे आरोपों के तहत जोधपुर कारागार में रखे गये 86 वर्षीय संत आशारामजी बापू के स्वास्थ्य की स्थिति अत्यंत नाजुक है। 

जेल जाने से पूर्व 74 की उम्र में अतिव्यस्त जीवनशैली के बावजूद बापूजी को सिर्फ ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया व पीठ दर्द की तकलीफ थी, लेकिन साढ़े ग्यारह वर्ष से अधिक समय से लगातार कारावास के तनावयुक्त वातावरण से अब 86 वर्ष की इस वयोवृद्ध अवस्था में उनको हृदय रोग, पौरुष ग्रंथि की वृद्धि (प्रोस्टेट इनलार्जमेंट), संधिवात (आर्थराइटिस), रक्ताल्पता (एनीमिया), अल्सर के कारण रक्तस्त्राव आदि अनेक बीमारियों ने भी घेर लिया है। तनावयुक्त व दूषित वातावरण में इच्छानुसार चिकित्सा आदि के अभाव से इन प्राणघातक बीमारियों की निवृत्ति न होने से उनका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है।


आशारामजी बापू 13 जनवरी से 6 फरवरी, 2024 तक जोधपुर के एम्स अस्पताल में कार्डियक आई.सी.यू. में भर्ती रहे हैं व उसके बाद कई बार गम्भीर अस्वस्थता के कारण मध्य रात्रि में एम्स ले जाना पड़़ा। एम्स की रिपोर्ट के अनुसार उनके हृदय में 3 गम्भीर (99 प्रतिशत, 90 प्रतिशत और 75 प्रतिशत) ब्लॉकेज हैं। बापूजी को हो रहे लगातार रक्तस्राव की वजह से उनके हीमोग्लोबिन का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। उनकी गम्भीर शारीरिक स्थिति को देखते हुए अभी तक लगभग 35 बेल व पैरोल की अर्जी लगाई गई है। इसके बावजूद उनके रोग की भयानकता को अनदेखा करके सभी बेल व पैरोल अर्जी को रद्द कर दिया गया या वापिस कर दी गई।
आशाराम जी बापू ने अपना सारा जीवन विलुप्त हो रही सनातन संस्कृति की मूलभूत मान्यताओं का प्रचार-प्रसार कर राष्ट्रोत्थान के लिए लगा दिया।
 
अनेक विविध लोक हितकारी सेवा कार्य जैसे देसी गौ माता का रक्षण व संवर्धन, लगभग 700 बीमारियों का निदान करने वाली तुलसी माता का घर-घर स्थापन व 25 दिसम्बर को तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाने का आह्वान, नैतिकता से दूर होती युवा पीढ़ी को संयम, सदाचार व देश प्रेम की भावना से ओत-प्रोत करते देशभर में 17 हजार बाल संस्कार केन्द्रों का संचालन, विद्यार्थियों को मेधावी व कुशाग्र बुद्धिमान बनाने हेतु प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में उज्ज्वल विद्यार्थी भविष्य निर्माण शिविर का आयोजन, वैलेंटाइन डे की विकृति से बचने के लिए 14 फरवरी मातृ-पितृ पूजन दिवस जैसे त्यौहार समाज को देने वाले, सुखी स्वस्थ सम्मानित जीवन हेतु आयुर्वेद का प्रचार, प्राणायाम, योगासन, विभिन्न यौगिक क्रियाओं द्वारा अरबों-अरबों रुपये की दवाईयों के खर्च से समाज का रक्षण, नशे से सावधान कर करोड़ों लोगों की पान-बीड़ी, जर्दा, गुटका, मांसाहार, शराब आदि दुर्व्यसन से मुक्ति दिलाकर देश के सर्वांगीण उत्थान में योगदान दिया जा रहा है।



वर्तमान में एकमात्र राष्ट्रीय संत जिन्होंने 50 वर्ष पूर्व से अकेले अपने दम पर धर्म परिवर्तन के विरूद्ध आवाज उठाई और लगभग 8 लाख धर्म परिवर्तित लोगों की घर वापसी कराई। ऐसे लोक हितकारी संत सम्राट, दरिद्र नारायणों की सेवा कर भजन करो, भोजन करो, दक्षिणा पाओ योजना के तहत प्रतिदिन भगवन्न नाम जाप, सत्संग-कीर्तन करवाकर भोजन एवं 50 से 70 रूपये दक्षिणा नकद दी जाती है। क्या इस राष्ट्रहितकारी प्रवृत्तियों का संचालन करना ही एक अपराध बना है।  

वर्ष 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ‘कैदी को खराब स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत देने में उदारता बरती जानी चाहिए। व्यक्ति की सेहत ठीक रहे, यह सबसे जरूरी है। उसकी सेहत से संबंधित समस्याओं का राज्य सरकार ध्यान रखे, न्यायपालिका को भी इसे सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ देखना चाहिए।
यह हर नागरिक का ऐसा संवेदनशील मौलिक अधिकार है जिसकी रक्षा होनी ही चाहिए। लेकिन आशारामजी बापू के मौलिक संवैधानिक अधिकार का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।



इसी संदर्भ में श्रीगंगानगर जिलेभर से आए हुए सैंकड़ों धर्मप्रेमियों ने निरअपराध संत के समर्थन में, हाथो में बापूजी का श्रीविग्रह व उनके इच्छानुसार इलाज व शीघ्र रिहाई हेतू, विश्वकर्मा मंदिर सुखाडिय़ा सर्किल से रवाना हेतू शहर के विभिन्न मुख्य मार्गों से होते हुए रेलवे स्टेशन तक मौन रैली निकाली और सभी जयपुर के लिए रवाना हो गए।  



 




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