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World Consumer Day 15 March , विश्व उपभोक्ता दिवस १५ मार्च


उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति सजग व जागरूक करने के लिए मनाया जाता है विश्व उपभोक्ता दिवस उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति सजग व जागरूक करने के लिए हर वर्ष १५ मार्च को विश्व उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है। 

उपभोक्ता उस व्यक्ति को माना जाता है जो किसी सेवा या वस्तु के उपयोग के बदले धन खर्च करता है अर्थात राशि देकर वस्तु या सेवा का क्रय करते हैं। उपभोक्ता के अधिकारों तथा उपभोक्ता शोषण के कारणों का समाधान हेतु १५ मार्च १९६२ को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा १५ मार्च को विश्व उपभोक्ता दिवस मनाने का निर्णय लिया गया तब से प्रति वर्ष १५ मार्च को विश्व उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्यों ने ९ अप्रैल १९८५ को उपभोक्ता संरक्षण के लिए सात अधिकारों को स्वीकार करते हुए मार्गदर्शिका की घोषणा की जिसमें (१) जानकारी का अधिकार (२) क्षतिपूर्ति का अधिकार (३) सुरक्षा का अधिकार (४) शिकायत निवारण का अधिकार (५) वस्तु व सेवा चयन का अधिकार (६) उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार एवं (७) स्वस्थ पर्यावरण का अधिकार।

  भारत देश में सन् १९८६ में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पारित कर उपभोक्ता को शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए कानूनी तौर पर अधिकार प्राप्त हुए। उपभोक्ता के अधिकार एवं कर्तव्य- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम १९८६ के अन्तर्गत उपभोक्ताओं को निम्न अधिकार प्रदान किये गए थे- (१) उपभोक्ता को वस्तु की गुणवत्ता, मात्रा व मूल्यों के बारे में सूचित किये जाने का अधिकार है।

  (२) उपभोक्ता को ऐसा सामान जो जीवन और संपत्ति के लिए खतरनाक हो उसे बाजार में बेचने व भेजने के विरूद्ध कार्यवाही करना एवं उपभोक्ता की रक्षा करना। (३) उपभोक्ता की सुनवाई का अधिकार (४) उपभोक्ता के अनुचित शोषण के विरूद्ध क्षतिपूर्ति का अधिकार है। (५) उपभोक्ता को शिक्षा का अधिकार अर्थात उपभोक्ता को जागरूकता प्राप्त करने का अधिकार है। उपभोक्ता के हितों के रक्षा के लिए उपभोक्ता को कर्तव्यों का पालन करना होता है- (१) उत्पाद की पूरी जानकारी प्राप्त करना (२) उपभोक्ता का शोषण होने पर शिकायत दर्ज करवाना। (३) उत्पाद का बिल व रसीद प्राप्त करना। 

 उपभोक्ताओं के संरक्षण व उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद का गठन किया गया है। इस परिषद् के अध्यक्ष केन्द्रीय सरकार के उपभोक्ता मंत्री तथा सदस्यों के रूप में सरकारी व गैर-सरकारी सदस्य होते हैं। इसी प्रकार से राज्य स्तर पर उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए ‘‘राज्य उपभोक्ता परिषद’’ कार्य करती है इस परिषद के उपभोक्ता मंत्री अध्यक्ष व अन्य जन प्रतिनिधि सदस्य होते हैं। उपभोक्ताओं के विवादों व शिकायतों का निराकरण के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था की गयी है। (१) जिला मंच (२) राज्य मंच या आयोग (३) राष्ट्रीय आयोग जिला मंच-जिला स्तर पर उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण हेतु जिला मंच का गठन किया जाता है जिसके ३ तीन सदस्य होते हैं। मंच का अध्यक्ष सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश होता है। सदस्यों में एक महिला सदस्य होती है इस जिला मंच में ५ लाख रुपये के माल या सेवा के दावों की सुनवाई होती है।

  राज्य आयोग-इस आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से की जाती है। इसमें दो सदस्य जिसमें एक पात्र महिला होती है। इस आयोग के माध्यम से ५ से २० लाख तक की सीमा के विवादों का निपटारा किया जाता है। राष्ट्रीय आयोग-इस आयोग का कार्यालय दिल्ली में स्थित है इसमें अध्यक्ष सहित ५ सदस्य होते है। अध्यक्ष पद के लिए सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व या वर्तमान न्यायाधीश का चयन होता है। शेष ४ सदस्यों की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है। इस आयोग में २० लाख से अधिक के विवादों की सुनवाई होती है। राज्य एवं राष्ट्रीय आयोग में अपील करने का कोई शुल्क नहीं होता।

  विश्व उपभोक्ता दिवस पर हर वर्ष एक थीम निर्धारित की जाती है। वर्ष २०२१ का थीम विश्व उपभोक्ता दिवस का थीम ‘‘प्लास्टिक प्रदूषण से निपटना था।’’ वर्ष २०२२ की विश्व उपभोक्ता दिवस की थीम ‘‘फेयर डिजिटल फाइनेंस’’ व वर्ष २०२३ विश्व उपभोक्ता दिवस थीम ‘‘स्वच्छ ऊर्जा की गति से उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना’’ थी। ‘‘वर्ष 2024 का थीम उपभोक्ताओं के लिए निष्पक्ष और जिम्मेदार एआई’’ है। उपभोक्ता का कर्तव्य है कि वह अपने क्रय किये माल की जांच परख कर उसकी रसीद ले जिससे उपभोक्ता शोषण पर रोक लगायी जा सके।

 उपभोक्ता दिवस पर सकारात्मक प्रयास कर उपभोक्ता को जागृत करना तथा उपभोक्ता के अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाना होगा, जिससे उपभोक्ता के हितों का संरक्षण हो सके व उसके अधिकारों की रक्षा हो सके।


  लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी उम्मीदवारों की दूसरी सूची: भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल 72 उम्मीदवारों के नाम हैं। पार्टी अब तक 267 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है. पहली सूची में बीजेपी ने 195 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था. बीजेपी ने दिल्ली की सभी 7 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का खुलासा कर दिया है. पहली सूची में 5 और दूसरी सूची में 2 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है.

मनीराम सेतिया
सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य
109-एल ब्लॉक, श्रीगंगानगर

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