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हनुमानगढ़ : सीएलजी में आधी आबादी की नहीं के बराबर भागीदारी

जिले के कर्ई थानों में नहीं है सीएलजी में महिला सदस्य,थानों तक नहीं पहुंच पाती महिलाओं की समस्या




हनुमानगढ़ : 
 कहने को तो सरकार महिलाओं को पूरा हक देने का दावा करती है, लेकिन जागरुकता के अभाव में जिले भर के कई थानों में सीएलजी सदस्यों में महिलाओं की भागीदारी नहीं है। जहां पर भी है वहां पर महज एक-दो सदस्य ही है। 

ऐसे में थानों तक महिलाओं की आवाज और समस्याएं नहीं पहुंच पाती है। जंक्शन की सिविल लाइंस स्थित पत्रकार कॉलोनी निवासी अनिल जान्दू को सूचना का अधिकार अधिनियम से मिली जानकारी अनुसार जिले के 5 सर्किल के सभी 18 थानों में गठित सीएलजी में कुल 1298 सदस्यों में मात्र 89 महिला सदस्य ही है। ये कुल सदस्य संख्या का 6.8 प्रतिशत भी नहीं है। 

इनमें से दो थाने तो ऐसे है जहां एक भी महिला सदस्य नहीं है। जबकि तीन थानों में दो-दो महिला सदस्य हैं तो दो थानों में मात्र एक-एक महिला सदस्य ही है। जहां सदस्य है वहां पर बैठकों में उनकी उपस्थिति भी महज कागजों में ही चल रही है। जिले के फेफाना और नहरी पानी चोरी निरोधक थाना में एक भी महिला सीएलजी सदस्य नहीं है। टाउन थाना व टिब्बी थाना में महज एक-एक और पल्लू, तलवाड़ा और भिरानी थाना में मात्र दो-दो महिला सीएलजी सदस्य ही है। 

रावतसर, नोहर और खुईयां थानों में मात्र तीन-तीन महिला सदस्य हैं। जानकारी अनुसार हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय के सभी थानों के कुल सदस्यों की बात करें तो टाउन थाना के कुल सदस्य 68 में 1, जंक्शन थाना के 86 सदस्यों में 13, सदर थाना क्षेत्र के 87 सदस्यों में से 13 तो वही महिला थाने के 12 सदस्यों में से से मात्र 4 महिला सदस्य ही सीएलजी से जुड़े हुए है। 

खासकर ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े थानों के सीएलजी सदस्यों में महिलाओं की भागीदारी नाम की है। ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता के अभाव में महिलाएं आज भी आगे नहीं आ पा रही है। ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े थानों में सीएलजी में महिलाओं की भागीदारी नहीं है। आधुनिकता के युग में भी हालात यह है कि महिलाएं आज भी थाने तक पहुंचने में कतराती है। 

सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के आधार पर अनिल जान्दू ने बताया कि हैरानी वाली बात है की जिले के कुल 18 थानों में से 10 ऐसे थाने है जिनमे वार्ड स्तर पर एक भी महिला अथवा पुरुष सदस्य नहीं बनाया गया है। जान्दू ने बताया कि जंक्शन, सदर, महिला, गोलूवाला, नोहर, टिब्बी, पल्लू, भिरानी, नहरी पानी चोरी और गोगामेड़ी थानों में अब तक वार्ड स्तर पर एक भी सीएलजी सदस्य नियुक्त नहीं किया है।

यह होती है सीएलजी समिति
प्रत्येक थाने में सीएलजी कमेटी बनी हुई है। यह कमेटी आमजन एवं पुलिस के बीच की कड़ी हैं जो समन्वय बनाए रखने का काम करती है। किसी भी मामले को लेकर पुलिस एवं आमजन में दूरियां बढ़े तो सीएलजी कमेटी सदस्य और पुलिस के बीच बैठक होती है। समाज के प्रतिष्ठित और गैर-राजनीतिक व्यक्तियों को इसमें शामिल किया जाता है ताकि वे शिकायतें सुन सकें और बेहतर पुलिसिंग प्रदान करने के लिए अपने सुझाव दे सकें।



गोगामेड़ी थाना में सबसे अधिक सोलह
गोगामेडी थाना में पंचायत स्तर पर सर्वाधिक 16 महिला सीएलजी सदस्य बनाए हुए हैं। जंक्शन और सदर थाना में भी कुल 13-13 सदस्य है। इसके अलावा संगरिया और गोलूवाला में 7-7, भादरा और पीलीबंगा में 6-6 सीएलजी सदस्य है।

महिलाएं सिर्फ वार्ड, पंचायत तक ही सीमित
प्रत्येक पुलिस थाना में थाना, बीट, वार्ड और पंचायत कुल चार स्तर पर सीएलजी सदस्य बनाए जाते है। खानापूर्ति के लिए अगर महिलाओं को सीएलजी सदस्य बनाना भी पड़े तो ज्यादातर थाने महिलाओं को मुख्य थाना सीएलजी में न लेकर उन्हें वार्ड, बीट तक ही सीमित कर इतिश्री कर लेते है। नोहर, गोगामेड़ी, भिरानी, गोलूवाला, पल्लू, नहरी पानी चोरी निरोधक और फेफाना थाने ऐसे है जहां आज भी मुख्य थाना सीएलजी सदस्य टीम में एक भी महिला सदस्य नहीं है।
 
महिलाओं की भी हो भागीदारी
सीएलजी में पुरुष के बराबर महिलाओं की भागीदारी होनी चाहिए। महिलाओं को भी आगे आना चाहिए, महिला भी अपने अधिकारों की रक्षा कर सके। पुलिस की ओर से महिलाओं को भी सीएलजी सदस्य बनाने चाहिए और दो माह में महिला सीएलजी सदस्यों की बैठक रखकर गांव-शहर और थाना क्षेत्र में महिला अत्याचार और विभिन्न प्रकार की अपराधिक गतिविधियों की जानकारी लेनी चाहिए। विभिन्न संगठनों के माध्यम से सीएलजी में महिलाओं को भागीदारी बढ़ाने का प्रयास करेंगे।


पत्रकार :- अनिल जान्दू  हनुमानगढ़


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